Tuesday 18 October 2016

जिंदगी एक उलझी हुई पहेली है,
जिसे सुलझाने में पूरी जिंदगी बीत जाती है,
जब लगता है, अब कुछ सुलझी सी हुई जिंदगी,
फिर वह बुरी तरह से उलझ जाती है।

इस उधेड़बुन में उम्र बीतने लगती है
बचपन से जवानी फिर बुढ़ापा
आखिरी सांस निकलते वक्त भी कुछ उलझने रह जाती हैं
जिंदगी फिर छोड़ के कहीं और चली जाती है।

क्या जानती थी, ये सफर इतना मुश्किल होगा
उनके साथ एक पल भी चलना दूभर होगा
 सोचा था हम काट लेंगे सफर किसी के भी संग
पर जब चले उनके साथ तो इल्म हुआ
कि दिलों जान से जिसे हमने चाहा
उसके साथ चलना तो क्या खड़ा होना भी मुश्किल होगा


 

Tuesday 26 July 2016

जब उमेंगे थी, तब तुम न थे,
अब तुम हो, तो उमेंगे नहीं
जब प्यार था, तब तुम न थे
अब तुम हो, तो प्यार नहीं
         न जाने कैसा है ये सफर,
        अब रास्ता है पर हमसफर नहीं
         

Wednesday 8 June 2016

            जिंदगी बहुत कुछ सीखाती है, सबकुछ हार कर जीना सीखाती है,
            कोई रहे ना रहे तुम्हारी जिंदगी में, फिर भी मुस्कुराते रहना सीखाती है।
             होश ओ हवाश कई बार खो जाते हैं हमारे,
           मुश्किलों में उम्मीद खो जाती है हमारी,
          मरने की ख्वाहिश भी दिल में जग आती है,
         जिंदगी है कि फिर भी हंसी ख्वाब दिखाती है।
                      कोई उलझन तो कोई मुसीबत कहता है इसे,
                      ये है कि हर मोड़ पे फिर भी साथ निभाती है
                      दिल में हर दिन अरमान जगाती है,
                      निराशा के दीये को हर सुबह बुझाती है।
                जिंदगी जीना एक कला है यारो,
               जिसको नहीं आई उसके लिए सजा है यारो
              उलझनों को सुलझाते जाओ,
            हिम्मत से बस जीते जाओ, जीते जाओ
       फिर देखो ये जिंदगी कितनी हंसीन हो जाती है।

Thursday 26 May 2016

ख्वाहिशें सबके दिलों में होती हैं, ये बात और है कि कोई बयां कर देता है कोई दिल में छिपा लेता है।


Saturday 21 May 2016

मासूम ख्वाहिशें जीने नहीं देतीं, किस्मत है कि उन्हें पूरा होने नहीं देती